उनकी दूकान मेरी दुकान से पुराणी है,
नामी -गिरामी है,
वो बेभाव की चीज भी
अच्छे खासे भावः पर बेचते हैं ,
हमने अभी अभी, अपना काउंटर खोला है,
कुछ स्टैण्डर्ड, कुछ लोकल डाला है,
फिर भी कहते हैं की मजा नही आयेला है,
हमने कहा की मजा किसी के बाप का नही,
जो फ्री मैं आएगा,
मजा तो उसी मैं है
जो मिल बाँट कर खायेगा.
इश्क़ ना पुच्छे दीन धरम नू
22 hours ago