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Tuesday, June 14, 2011

बिडम्बना.................

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कल तलक जो बाबा के साथ थे
पूरे जोश मैं, कि बाबा सही कर रहा है
आज उसी बाबा के अनशन तोड़ने पर
वो हंस रहे हैं!
कह रहे हैं, कि बाबा कमजोर निकला!
सिर्फ ९ दिन में ही बाबा का डिब्बा गोल हो गया
अरे ये तो पाखंडी निकला! जिन्दा बच गया!
मुद्दा भूल कर, बस यही बहस
कि बाबा मरा क्यूँ नही!
अचानक से ये दोगला चेहरा
देखकर मैं सोच मैं पड़ जाता हूँ!
शायद ये भी एक बिडम्बना है!
इस हिन्दुस्तान की! जहाँ
असली मुद्दे छूटते जाते हैं
और बेमनी मुद्दे चर्चा में आ जाते हैं
शायद व्यवस्था भी कुछ यही चाहती है
भ्रमित करना, पहले से ही भ्रमित जनता को!
लेकिन मैं कतई भ्रमित नही हूँ,
इसलिए मैने कभी भी किसी का
पक्ष नही लिया! मैं मौकापरस्त हूँ
जैसी हवा देखि, बैसा ही रुख कर लेता हूँ!
क्यूंकि मैं अपनी ज्निदगी नही जीता
वो तो पहले ही किसी की गुलाम है!
व्यवस्था की ?
अब इसका पता आप लगाओ!

Monday, June 6, 2011

एक पाती बाबा जी के नाम




अरे योगी, तू सिर्फ योगासन सिखा, ये पोलिटिकल आसान हमारे लिए छोड़ दे, अनुलोम-विलोम में से हमें सिर्फ विलोम ही आता है! ये अनुलोम तू अपने पास रख! अगर नही रखा अपने पास तो तू हमारे विलोम आसन को नही झेल पायेगा! ये बात इन पोलिटिकल योगी गुरुओं ने इस खालिस योगी बाबा को समझाई थी! लेकिन बाबा को अपने योग पर पूरा भरोसा था! क्यूंकि उसे जन-समर्थन बहुत प्राप्त था! लेकिन बावा को डंडा आसन कि ताकत का पता नही था! बाबा ने स्वप्न में भी नही सोचा होगा कि इस डंडा-आसन के आगे सारे आसन फ़ैल हैं! खैर बाबा तो बापिस अपने आश्रम में पहुँच गए! बहुत अपमान हुआ, जिसका असर बाबा के मुखमंडल पर देखा जा सकता है! और विजय जश्न का असर इन धूर्त, धोखेबाज ,चरित्रहीन और चोर एवं भिराष्ट नेताओं के चेहरे पर! खुश हो रहे हैं, प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं, बाबा को ठग बतला रहे हैं! कसाब और अफजल गुरु को चिच्किन बिरयानी खिला रहे हैं! नर्किये लादेन को अब्बा जी बोलते हैं! अरे बावा इन मक्कारों का कोई इमान्धर्म नही है! बैसे भी आप जानते हैं कि चोर से जब भी चोरी कि बात उगाल्बाई जाती है तो वो सीधे तरीके से नही कबूलता! उसपर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करके, उल्टा-आसन करबा कर, फिर डंडा-आसन एप्लाई करते हुए, अनुलोम-बिलोम कि किर्या का आह्वान करते हुए! वो अपना जुर्म कबूलता है! और एक आप सिर्फ बात-चीत के माध्यम से इनसे कबूलवा रहे थे कि कबूलो! वो मना करते रहे और आप जिद पर अड़े रहे! तो हे योगी बाबा इन लुटेरों ने आपको ये बतला दिया है कि हम लातों के भूत हैं, आपके इस अनशन से मानने बाले नहीं हैं! हमें भी डंडा-आसन के द्वारा ही मानबाया जा सकता है! तो हे योगी बावा जब आपने बीड़ा उठा ही लिया है, इस व्यवस्था को सुधारने का, तो आप इस दुर्घटना के बाद से सबक लेते हुए, भविष्य मैं जब भी अनशन करे, उसके पाहिले आपके सारे अनुयाई को डंडा आसन , लात-आसन , घूंसा-आसन मैं पारंगत होना जरुरी है! तभी न आप इन चोरों से निपट पाएंगे! मैं आपको एक चौपाई कि याद दिलाना चाहता हूँ " जा कि रही भावना जैसी, प्रभु देखि तिन मूरत तैसी" तो इस चौपाई पर अमल करते हुए, अपने इस महान कार्य को सफल बनाये, हमारी शुभकामनाये आपके साथ हैं! आप सफ़ल हों, आने वाली पीढ़ी का भविष्य भिराश्ताचार से मुक्त हो, इसी शुभकामनाओ के साथ आपका एक शुभचिंतक!
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Friday, June 3, 2011

आधुनिक धिरात्राष्ट्र

न जाने कितने दुर्योधनो  और दुशाशानो का है पिता
खुली आँखों से देखता फिर भी कुछ नही है  पता
लोग जब सवाल करते तो यही देता है वो बता
कभी कहता है कि मुझे अक्सर ही नींद नही आती
क्या करू न जाने किस घोटाले का है आज बम फटा
आतंकवाद का बम भी इसके सामने बौना लगने लगा है
लेकिन तुम्हारी मुस्कराहट पहले से भी ज्यादा चौड़ी हो गयी है
अरे शर्म करो जरा सी है आधुनिक धिरात्राष्ट्र
क्यूँ तुम अक्सर ही ऐसी बयानबाजी हो करते
क्यूँ तुम इस भोली भली जनता को हो ठगते
तुम एक राजा हो,लोग तो यही अब तक  हैं समझते 
अगर तुम इतने ही दीन-हीन हो, तो त्याग दो ये पद
ये पद तुम्हारा नही है, इस देश कि शान है
उन शूरवीरों कि आन है,
जिन्होंने अपने खून से इसको है पाया है
जिस पर तुमने  नाजायज कब्ज़ा है जमाया है
चले जाओ अब तो, अगर जरा सी भी शर्म है बाकि
इस भारत माता का आँचल तो तार-तार हो ही चूका है



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