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Monday, October 4, 2010

वो क्या हे पुराना जो याद आता हे...................


अब यह मत पूछना कि वो क्या हे पुराना जो याद आता हे
क्यूँ अक्सर हमें आपकी वो बातें, वो तराना याद आता हे
कितनी हसरतों से बनाये थे हमने कुछ हमराज अपने
हमें अब गुजरा हुआ वो जमाना, अक्सर याद आता हे
भुला भी दें तो क्यूँकर भुला दे वो यादें
जिसमे शामिल थे हमारे कुछ वादे
तुम्हे भूलना गर इतना आसान होता
क्यूँ कर तुम्हारा मुस्कराना भरी महफ़िल में
अक्सर याद आता हे!
ए-वक़्त ले चल तू जरा उसी दौरे-जमाँ में
हमें उनका बात-बात पर मचलना अक्सर याद आता हे
हमें याद आती हैं उनकी वो शोख-चंचल निगाहें
उनका यूँ देखकर न देखने की वो कातिल अदाएँ
हमें वो सावन का महिना याद आता हे
उनका यूँ बारिश में भीगना अक्सर याद आता हे
अब यह मत पूछना कि वो क्या हे पुराना जो याद आता हे
क्यूँ अक्सर हमें आपकी वो बातें, वो तराना याद आता हे.......

EK-kHAYAAL APNA SA........

6 comments:

उपेन्द्र नाथ said...

इतना बताया तो यह भी बता ही देते...

प्रवीण पाण्डेय said...

कैसे बतायें उनको, कि मौसम सुहाना उनके साथ आता है।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

न जाने क्या क्या याद आता है ...:)

साथ नहीं इसी लिए याद आता है ...

संजय भास्‍कर said...

वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) said...

बेहद उम्दा..........

Stephanieqott said...

बेहद उम्दा..........