तेरा मेरा प्यार कुछ जुदा जुदा सा हे,
में तुझ पर, तू किसी और पे फ़िदा सा हे
हमने पूछा क्या इसकी कोई खास बजहा हे
वो हंसकर बोले कि तू अभी कच्चा सा हे
प्यार व्यार कुछ नही होता ये जान लो तुम
ये तो मौकापरस्ती और बस धोखा हे
लोग तभी तक साथ चलते है मेरे दोस्त
जब तलक तू उनके फायेदे का सौदा हे
जब भी चूका तू उनके मतलब से जिस दिन
पकड़ लेंगे हाथ दूसरों का, उन्हें किसने रोका हे
आदम खान और दुर्खानाई
13 hours ago
2 comments:
सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
shukriya dost
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