न्यूज़ पेपर पढने की बीमारी ,
विरासत मैं मिली है,
खबर ए थी की हमारे,
विदेश व् विदेश राज्ये मंत्री,
शहर के आलिशान पॉँच-सितारा होटल,
मैं ठहरे हुए हैं,
क्यूँकी उनका सरकारी आवास,,
मरम्मत हो रहा है ,
हमारे ए मंत्री, और ए हमारी,
ताथाकतित सरकार, इतनी गरीब है ,
की इनको रहने के लिए, मकान नहीं हैं,
तभी ए मंत्री , 1 लाख से 40 हज़ार रूपये प्रतिदिन
के किराये के कमरे में रहकर,
इस देश का सञ्चालन कर रहे हैं,
अब आप य सोच रहे होंगे की,
इसमें महानता की क्या बात है,
है भइए , जरा ध्यान से सुनिए ,
जब किसी ने इन मंत्रियों से पूछा ,
की इस मंदी के दौर मैं ,
आपका इस मंहगे होटल मैं
रहने का क्या तत्पर्ये है,
जहाँ देश केपी अकाल ग्रस्त
घोषित किया जा चूका हैं
और आप सरकारी पैसा , जी की
असहाए जनता के ऊपर ठोके गए,
टैक्स से जुटाया जाता है,
का दुरूपयोग कर रहे हैं,
तो उन मंत्री जी ने कहा,
ए सुब हम अपने निजी करछे पर कर रहे हैं ,
ए हुई न महानता,
स्वर्गीय शास्त्री जी ने अपने व्यक्तिगत कम के समये
जो भी सरकारी खर्च आता, उसको अपनी तन्खाव से कटवाते ,
और हमारे ए मंत्री अपनी व्यक्तिगत कमाएई से,
सरकारी कम करवाते,
तो हुए न मंत्री जी स्शास्त्री जी से महान,
इसीलिए आज भी मेरा भारत महान.
औरंगज़ेब सिर्फ एक शासक था
1 week ago