दर्द भी तू है, दवा भी तू है
सुकूं का हर लम्हा भी तू है
तेरे बिन कोरे हैं सारे सफे मेरे
मेरी जिन्दगी का फलसफा भी तू है
है तू ही मकसद मेरी जिन्दगी का
जिस्म में रूह की जगह बस तू है.
तेरे बिन कैसे जिऊं मेरी जान
मेरी जिन्दगी की सदा भी तू है
तू ही हर लफ्ज मेरी कलम का
मेरी तो पूरी ग़ज़ल ही तू है
औरंगज़ेब सिर्फ एक शासक था
1 week ago