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Saturday, June 12, 2010

वो ऑटो ड्राइवर

जैसा कि आप सभी जानते हैं, कि हम देलही में सेरविसे करते हैं

एक दिन हाल-फिलहाल हमें, ओफिसिअल काम से गुडगाँव जाना पड़ा,

उस दिन देलही का सबसे गरमा दिन था, और तापमान जब हम शाम को घर पहुंचे तो मालूम पड़ा ४७.४ डिग्री सल्सिउस, हमने ऑफिस से निकलते ही एक ऑटो लिया, और पुच्चा भैये गुडगाँव बोर्डर चलोगे, दोपहर के २.०० बजे , जोरो का लू चल रहा था, पहले तो हिच्काच्या फिर बड़ी मुश्किल से तयिआर हुआ, चलने के लिए, हम ओखला से महरौली बारे रास्ते से जा रहे थे, थोड़ी देर के बाद कुतुबमीनार दिखने लगा, हमने अपना इतिहास के ज्ञान का पिटारा खोला और बोले मालूम हे भैये ये कितनी पुराणी हे, वो अंदाजे से बोला होगी कोई ४००-५०० साला, और का, हम खुश हुए कि इसको कुछ नहीं मालूम, मेने कहा यार ये ११ बी सदी के हे, ९०० साल हो गए, वो हंसने लगा और बोला बाबूजी आपने हिस्टरी पढ़ी लगता हे, मेने फक्र से खा हाँ हाँ क्यूँ नही , ८ बी तक पढ़ी हे न, उसी से याद हे, हमारा उसे हिस्टरी कि जिक्र करना था फिर तो वो शुरू हो गया, AD-BC पूर्व इतिहास कि बाते, सिकंदर महान, चनाक्ये, और न जाने क्या क्या , जो हमें कुछ तो पता था, काफी कुछ नही पता था, वो १ घंटे का सफ़र और वो भंयंकर लू से भरी गर्मी हम भूल गए, उसकी बातों में इंटेरेस्ट लेते रहे, फिर हमने हिम्मत करके पूछा मिया आप कितना पड़े हैं, वो बहुत जोर का हंसा, बोले कुछ खास नही, में हिस्टरी से एम् -अ किया हे साहब, यू पी से हूँ, में उसकी बात सुनकर एक बार सकपका गया, मेने कह यार कमाल हे, आप तो पहुचे हुए हो, वो बोला जी ये क्या, मेरा छोटा भाई दो बार पी.सी. एस. का interview दे चूका है, ३स्रि बार फिर बैठ रहा हे एक्साम में. मेने पुच्चा आपके बच्चे , वोला १ बेटा हे जो M.B.A. कर रहा हे, बस ऑटो चलाकर टाइम पास कर रहे हैं, मेरा भाई व बेटा पढलिख जाये और क्या चाहिए. उन्ही कि लिए ये सब कर रहा हूँ.