कौन कहता हे कि
तुमने मुझको कम जाना हे
में कहता हूँ कि एक तुम ही हो
जिसने मुझको जाना है,
तेरे हर गीत और ग़ज़ल में
मेरा ही तो फ़साना है
कौन कहता है कि तुमने
मुझको कम जाना है.,...
जब जला ही चुके हो
चरागे मुहब्बत दिल में
फिर कौन सा गीत बाकि हे
ओ मेरी जाने-ए-ग़ज़ल
जिसको तेरे होठो पर आना है
कौन कहता है कि तुमने मुझे
कम जाना है...
एक तुम ही तो हो,
जिसने मुझे जाना है....
Wednesday, June 23, 2010
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