अरे योगी, तू सिर्फ योगासन सिखा, ये पोलिटिकल आसान हमारे लिए छोड़ दे, अनुलोम-विलोम में से हमें सिर्फ विलोम ही आता है! ये अनुलोम तू अपने पास रख! अगर नही रखा अपने पास तो तू हमारे विलोम आसन को नही झेल पायेगा! ये बात इन पोलिटिकल योगी गुरुओं ने इस खालिस योगी बाबा को समझाई थी! लेकिन बाबा को अपने योग पर पूरा भरोसा था! क्यूंकि उसे जन-समर्थन बहुत प्राप्त था! लेकिन बावा को डंडा आसन कि ताकत का पता नही था! बाबा ने स्वप्न में भी नही सोचा होगा कि इस डंडा-आसन के आगे सारे आसन फ़ैल हैं! खैर बाबा तो बापिस अपने आश्रम में पहुँच गए! बहुत अपमान हुआ, जिसका असर बाबा के मुखमंडल पर देखा जा सकता है! और विजय जश्न का असर इन धूर्त, धोखेबाज ,चरित्रहीन और चोर एवं भिराष्ट नेताओं के चेहरे पर! खुश हो रहे हैं, प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं, बाबा को ठग बतला रहे हैं! कसाब और अफजल गुरु को चिच्किन बिरयानी खिला रहे हैं! नर्किये लादेन को अब्बा जी बोलते हैं! अरे बावा इन मक्कारों का कोई इमान्धर्म नही है! बैसे भी आप जानते हैं कि चोर से जब भी चोरी कि बात उगाल्बाई जाती है तो वो सीधे तरीके से नही कबूलता! उसपर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करके, उल्टा-आसन करबा कर, फिर डंडा-आसन एप्लाई करते हुए, अनुलोम-बिलोम कि किर्या का आह्वान करते हुए! वो अपना जुर्म कबूलता है! और एक आप सिर्फ बात-चीत के माध्यम से इनसे कबूलवा रहे थे कि कबूलो! वो मना करते रहे और आप जिद पर अड़े रहे! तो हे योगी बाबा इन लुटेरों ने आपको ये बतला दिया है कि हम लातों के भूत हैं, आपके इस अनशन से मानने बाले नहीं हैं! हमें भी डंडा-आसन के द्वारा ही मानबाया जा सकता है! तो हे योगी बावा जब आपने बीड़ा उठा ही लिया है, इस व्यवस्था को सुधारने का, तो आप इस दुर्घटना के बाद से सबक लेते हुए, भविष्य मैं जब भी अनशन करे, उसके पाहिले आपके सारे अनुयाई को डंडा आसन , लात-आसन , घूंसा-आसन मैं पारंगत होना जरुरी है! तभी न आप इन चोरों से निपट पाएंगे! मैं आपको एक चौपाई कि याद दिलाना चाहता हूँ " जा कि रही भावना जैसी, प्रभु देखि तिन मूरत तैसी" तो इस चौपाई पर अमल करते हुए, अपने इस महान कार्य को सफल बनाये, हमारी शुभकामनाये आपके साथ हैं! आप सफ़ल हों, आने वाली पीढ़ी का भविष्य भिराश्ताचार से मुक्त हो, इसी शुभकामनाओ के साथ आपका एक शुभचिंतक!
Monday, June 6, 2011
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