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Saturday, February 26, 2011

हर किसी को मयस्सर नही..........



वो रहे हैं जो लोग कांटे , तुम्हारे रास्तों पर
उनको भी इक दिन, इस राह से गुजरना होगा,

वक़्त थम सा गया हे कुछ पल के लिए ही सही
यूँ हर अन्धकार के बाद तो उजाला ही होगा,

ये दस्तूरे दुनिया है, जिसे तुम बदल नही सकते
हर शख्श को इन हालातों से लड़ना ही होगा,

कौन कहता हे कि मंजिले आसानी से मिलती हैं
मिलने वालों से पूछो,फासला तो मुश्किल होगा,

हर किसी को मयस्सर नही ये आसान जिदंगी
हसीन बनाने के लिए कुछ तो कर गुजरना होगा,

फकत अपनी ख़ुशी के लिए, बुझाते हैं चिराग औरों का
क्या उनके अँधेरे से इनके घर में उजाला होगा,

जिदगी खुद भी तो एक इम्तिहान है ए मेरे दोस्त
पास हो जाये तो समझो, कितना खुशकिस्मत होगा,

क्यूँ नही समझती ये जालिम दुनिया
कि आज वक़्त तेरा, तो कल उसकी नज़र होगा,

जो वक़्त रहते संभल जाये तो क्या कहना
हर कोई हर किसी का हम निवाला होगा,

ये तो मन का बहम है जो ये सोचते हैं "गौरव"
उजाड़कर आशियाना किसी का, कोई चैन से सोया होगा