आज का इंसान
इस कद्र है हैवान
सांप से भी
ज्यादा दंशवान
इंसान, मरता हे
सांप के काटने से,
लेकिन ये इंसान
इंसान के काटे बिना
ही, इंसान द्वारा ,
मार दिया जाता है,
सांप काटने से
पहले फुंफकारता है
लेकिन ये इंसान
चुपचाप, बिना फुफकारे
ही डस लेता हे,
जब तक समझ
में आता है!
तब तक उसका काम
तमाम हो जाता हे!
सांप तो अक्सर ही
केंचुली बदलता हे
लेकिन ये , इंसान
ओढ़े रहता हे
केंचुली पर केंचुली;
कैसे पहचानोगे
इस इंसान को
जिसकी खुद कि
खुद को नही होती हे
कोई पहचान!
Maa : Painting on peepal leaf, माँ
1 week ago