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Thursday, September 30, 2010

देश का बंटाधार................


दुनिया थू थू कर रही, मचा रही हे शोर
कलमाड़ी बाबा चुप हैं, मन अंदर से चकोर

मन अन्दर से चकोर, चिल्लाओ जितना प्यारे
सत्तर पुश्ते सुधर गयी, हो गए वारे न्यारे

हो गए वारे न्यारे, ये हे CWG कि माया
इस भ्रम में मत रहो,अकेले मेने ही खाया

अकेले मेने ही खाया, दिया सबका हिस्सा वार
हम सबने मिलकर कर दिया, देश का बंटाधार

देश का बंटाधार, नही था दूजा कोई उपाए
भिराष्टचार कि जद से कोई हे जो बच के दिखाए

हे जो बच के दिखाए , ये परंपरा बहुत पुरानी
कोशिश कि जिसने भी, उसको याद दिला दी नानी

काहे बाबा गौरव, हे ये बीमारी ला-इलाज
हो सके तो कर दो, इन नेताओं को खल्लास!