जवान होती ये सोसिअल साईट कि दुनिया
कुछ रंगीन , कुछ ग़मगीन, कुछ यूँ ही
रोज कुछ न कुछ, कही न कही
गिले शिकवे, मेल मिलाप
अनुसंधान जारी है!
नए नए प्रोयोगे के द्वारा,
कुछ इधर से कुछ उधर से,
लगे हुए हैं, लुभाने में
एक दूसरे को,
कितना रंगीन आभास है
इस आभासी दुनिया का,
लेकिन जब आईने कि तरह
सब साफ़ होता जाता है,
तब वास्तविकता और इस आभासी
दुनिया का मतलब एक सा हो जाता है
कही भी कुछ बदला हुआ सा नजर
नही आता,
सिबाये खुद के!
कुछ रंगीन , कुछ ग़मगीन, कुछ यूँ ही
रोज कुछ न कुछ, कही न कही
गिले शिकवे, मेल मिलाप
अनुसंधान जारी है!
नए नए प्रोयोगे के द्वारा,
कुछ इधर से कुछ उधर से,
लगे हुए हैं, लुभाने में
एक दूसरे को,
कितना रंगीन आभास है
इस आभासी दुनिया का,
लेकिन जब आईने कि तरह
सब साफ़ होता जाता है,
तब वास्तविकता और इस आभासी
दुनिया का मतलब एक सा हो जाता है
कही भी कुछ बदला हुआ सा नजर
नही आता,
सिबाये खुद के!
6 comments:
लेकिन जब आईने कि तरह
सब साफ़ होता जाता है,
तब वास्तविकता और इस आभासी
दुनिया का मतलब एक सा हो जाता है
कही भी कुछ बदला हुआ सा नजर
नही आता,
सिबाये खुद के!
Bilkul sahee kaha!
अच्छा आब्जर्वेशन !
आभासी जीवन आभासी सुख ही दे सकता है।
shukriya doston!
दाने रंग बिरंगे बिखरे हैं ... प्रलोभन ही प्रलोभन , समझ से परे
thnx Rashmi Di
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