http://www.clocklink.com/world_clock.php
skip to main |
skip to sidebar
पत्नी जी बोली ए जी आप तो
हमारी तरफ देखते ही नही
हमने कहा क्यूँ कोई खास बात
वो मुस्करायी अपना फेस
हमारे और करीब लायी,
बोली आप भी न
एक दम बुध्धू हो,
हमने मन ही मन सोचा
ये बात तो एक दम सच बोली,
फिर वो बोली, जरा गौर फरमाए
और हमारा चेहरा देखकर
अंतर बतलाये,
हमने उचटती से नज़र
उनपर डाली, फिर कहा
क्या यार क्यूँ टाइम
खोटा करती हो,
एक दम जैसे कल थी
बैसी ही लगती हो,
वो गुस्से से तमतमाई
और जाकर ब्यूटी-पर्लोर
वाली से लड़ आई,
बोली मेरे पैसे बापिस कर
मेरे हबी को तो मैं
कल जैसे ही नज़र आई!
तब जाकर हमें
पूरी बात समझ आई,
फिर हम मन ही मन
अपनी बेवकूफी पे मुस्कराए,
और पत्नी कि और
इशारा किया और कहा
यार लूकिंग ग्रेट,
डू नोट लूस फेथ!
तुम बिना मकेउप के
हसीं लगती हो,
क्यूँ ब्यूटी-पर्लोर पर
इतना पैसा खर्च करती हो!
वक़्त ने इस कद्र बीजी कर दिया है आलोक
कि खुद से मिले हुए इक जमाना बीत गया!
इक प्यार का नगमा है.. मौजों कि रवानी है..
जिन्दगी और कुछ भी नही, तेरी मेरी कहानी है
.....
कल तक जो हीरो थे, बन गए सब जीरो हैं,
सरकार निकम्मी है, हम सब कि मज़बूरी है
बदलाब हमें लाना है, कुछ ऐसा कर जाना है
हम तो लुट चुके हैं, सरकार के पास बहाना है
रोने से है क्या फ़ायदा, अब हथियार उठाना है
बहुत हो चूका है अब, इन गुंडों को भगाना है,
जाग सको तो जाग जाओ, प्रण कुछ ऐसा कर जाओ
जीवन खुद का संवर न सका, अगली पीढ़ी का संवार जाओ,
अब आस यही बाकि, यही जिद्द हमने ठानी है
जिदंगी और कुछ भी नही, तेरी मेरी कहाँ है,
इक प्यार का नगमा है...
..
काश कि मैं, मैं होती!
हे न अजीब सा ख़याल,
लेकिन करे क्या?
खैर...
अगर मैं , मैं होती
फिर मैं अपना STATUS UPDATE करती
"हा हा हा हा अह अह हा हा ...."
फिर ढेरों कमेंट्स ...
१. वाह मेडम आप क्या हंसती हैं "लिखावट में"
जब लिखावट में ये हाल हे तो
सामने कैसे हंसती होंगी..
बहुत खूब, मजा आ गया,यूँ ही हँसते रहिये..
२. कितनी हसीं "लिखवाती हंसी" है
मेडम आपका जवाब नही...
३. मेडम सब ठीक तो हे न,
यूँ इस प्रकार आपको हँसते देख
सोच में पड़ गया..
...
..
.
.
.
६८. मेडम पलीज एक बार और "लिखावट " में
हंसिये न .. कित्ता अच्छा लगता है..
and still going on...
..
और अभी मैं, मैं हूँ..
जैसे ही मेने status update किया
pls support to this..
by spreading this as much as you can..
इक भाई अपनी बहिन के लिए इन्साफ
मांग रहा है....
१,२,३, ४ दिन गुजर गए
घोर सन्नाटा.....
फिर अचानक ५ वे दिन ..
२ like..without comments..
मैंने सोचा ये तो मैंने किसी
दूसरे कि लिए social support
माँगा था , तब ये हाल है.
आखिर क्यूँ होता है ऐसा.
क्या gender बाकी मायेने
रखता है..
मेरे ख़याल में हद्द से ज्यादा..
और अंत में इतना ही..
"आप हँसते हैं तो हलचल सी मच जाती है,
मैं आंसू भी बहाता हूँ तो कोई पूछता नही "
"इक ख़याल अपना सा......
"Bura na mano holi hai..........."