कुछ छानिकाएं
१-
तस्वीर उनकी
बैचेनी इनकी
कयामत का ये मंजर
दिल में उतरता हुआ खंजर
इश्क में लहुलुहान होता हुआ
अंजानी राहों में भटकता हुआ
बढ़ता चला जा रहा हे दीवाना
मंजिल का कोई पता नही
दीवनगी देखते ही बनती है!
२-
कभी दिल उनका
कभी इनका भटकता है
हर कोई कही ना कही अटकता है
सिलसिला अनवरत जरी है
खुदा जाने किसकी लाचारी है
यही फेस-बुक , ट्विट्टर और
ना जान कितनी सोसिअल साइट्स
कि ये अत्याधुनिक लाइलाज बीमारी है!