ए हसीना तेरे आशिक हम
ऐसे भटके हमारे कदम,
तेरे आगे चले, तेरे पीछे चले
तेरे क़दमों मैं निकलेगा दम,
ए हसीना तेरे आशिक हम....
जब जुल्फों का हो सामना
तब अपनी यही कामना
वो पिटाई करे, हम माफ़ी मांगे
न हो ऐसी कभी दुर्दशा,
है तेरी आशिकी मैं वो दम,
अच्छे अच्छे को कर दे ख़तम,
तेरे आगे चले, तेरे पीछे चले,
तेरे क़दमों मैं निकलेगा दम,
ए हसीना तेरे आशिक हम....
आशिकी अब बहुत हो चुकी,
साडी दुनिया को शो हो चुकी,
या तो हाँ ही करो, या न ही करो
अब तो ले लो डिसीजन कोई ,
है तेरी आशिकी मैं वो दम,
अच्छे अच्छे को कर दे ख़तम,
तेरे आगे चले, तेरे पीछे चले,
तेरे क़दमों मैं निकलेगा दम,
ए हसीना तेरे आशिक हम....
114. साहस और उत्साह से भरी राह
2 days ago
1 comment:
aashiqi ko bdee dridhtaa se likha hai,sundar
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