दादा दादी, नाना नानी,
सबकी राजदुलारी बिटिया
मम्मी पापा , चाचा चाची
के आँखों कि ज्योति बिटिया
मामा बन हुआ बाबरा मन
गोद लिए घूमू इस उपबन
जब चहक उठती किलकारी इसकी
घर -आँगन कि खिलती बगिया
झूम उठता मन मयूर हे मेरा
मैं हूँ मामा, ये मेरी बिटिया
माँ माँ से बनता मामा है
जुग जुग जिए ये रानी बिटिया
दादा दादी, नाना नानी,
सबकी राजदुलारी बिटिया......
सबकी राजदुलारी बिटिया
मम्मी पापा , चाचा चाची
के आँखों कि ज्योति बिटिया
मामा बन हुआ बाबरा मन
गोद लिए घूमू इस उपबन
जब चहक उठती किलकारी इसकी
घर -आँगन कि खिलती बगिया
झूम उठता मन मयूर हे मेरा
मैं हूँ मामा, ये मेरी बिटिया
माँ माँ से बनता मामा है
जुग जुग जिए ये रानी बिटिया
दादा दादी, नाना नानी,
सबकी राजदुलारी बिटिया......
9 comments:
जुग जुग जिए ये रानी बिटिया
.....लाजवाब रचना …………भावों को सम्पूर्णता प्रदान की है।
....अच्छी कोशिश
लिखते रहिये, बहुत ही अच्छा लिखा है। हम सबकी है प्यारी बिटिया।
भावपूर्ण रचना.सुन्दर.
बहुत ही सुन्दर भावमय प्रस्तुति ।
pyaari si rachna doll jaisi
bahoot achchhi kavita..... bitia hoti hi hai sabki rajdulari.
एक भांजी को मामा की तरफ से इस से सुंदर तोहफा और क्या हो सकता है.
सुंदर निर्मल रचना.
aap sabhi doston ka dil se abhaar
ytun hi aate rahiye aur utsah badhate rahiye
Post a Comment