115. साँसों का संकट
3 days ago
लिखने का शौक काफी पुराना हे, अपने स्कूलिंग के वक़्त से लिखने का चस्का पड़ गया था, फिर छूट गया, ४ साल पहले ऑरकुट से जुड़ना हुआ, इसके माध्यम से विभिन्न कम्युनिटी से जुड़ना हुआ, फिर से एक बार कीड़ा कुलबुलाया, सो लिखना फिर शुरू कर दिया, वाह-वाही मिलने लगी, तो हौसला बढ़ने लगा, लोगो की देखा देखि, ब्लॉग भी बना लिया, आप लोगो से अपनी सोच बाँट सकूँ, बस इसी उद्देश्य सा यहाँ हूँ , आपका प्यार ही मेरे लेखन की लाइफ लाइन हे. ...शुक्रिया
12 comments:
क्यों न सरकार ३२ रूपये रोज ले ले और ये सब मुहैया करवा दे ...
बढ़िया कटाक्ष.
गरीबों की गरीबी का मज़ाक उड़ा रही है सरकार....
क्रांतिकारी।
shukriya doston!
32= 3 और २ यानि manamohan , chidambaram और pranav
2 = दिग्गी और सिब्बल
3-२=१ यानि महारानी जी ( इटली ) ! इससे ज्यादा इस देश को क्या मिला !
shukriya Aap sabhi ka!
G.N.Shaw ji,
aapne ek dam sahi euqation banayai ha!
kya kataksh kiya hai...bahut sahi..
आपको मेरी तरफ से नवरात्री की ढेरों शुभकामनाएं.. माता सबों को खुश और आबाद रखे..
जय माता दी..
ahaha Anita ji aap aaye bahaar aayi!
shukriya Anil ji aapko bhi bahut bahut shubkamnaye
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