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Friday, March 23, 2012

वक़्त ने इस कद्र बीजी कर दिया है आलोक

Blog parivaar
पत्नी जी बोली ए जी आप तो
हमारी तरफ देखते ही नही
हमने कहा क्यूँ कोई खास बात
वो मुस्करायी अपना फेस
हमारे और  करीब  लायी,
बोली आप भी न
एक दम बुध्धू  हो,
हमने मन ही मन सोचा
ये बात तो एक दम सच बोली,
फिर वो बोली, जरा गौर फरमाए
और हमारा चेहरा देखकर
अंतर बतलाये,
हमने उचटती से नज़र
उनपर डाली, फिर कहा
क्या  यार क्यूँ टाइम
खोटा करती हो,
एक दम जैसे कल थी
बैसी ही लगती हो,
वो गुस्से से तमतमाई
और जाकर  ब्यूटी-पर्लोर
वाली से लड़ आई,
बोली मेरे पैसे बापिस कर
मेरे हबी को तो मैं
कल जैसे ही नज़र आई!
तब जाकर हमें
पूरी बात समझ आई,
फिर हम मन ही मन
अपनी बेवकूफी पे मुस्कराए,
और पत्नी कि और
इशारा किया और कहा
यार लूकिंग ग्रेट,
डू नोट लूस फेथ!
तुम बिना मकेउप के
हसीं लगती हो,
क्यूँ ब्यूटी-पर्लोर पर
इतना पैसा खर्च करती हो!







वक़्त ने इस कद्र बीजी कर दिया है आलोक
कि खुद से मिले हुए इक जमाना बीत गया!

10 comments:

kshama said...

Mazedaar!

प्रवीण पाण्डेय said...

हम भी यही सलाह देते रहते हैं।

Yashwant R. B. Mathur said...

आज 25/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (सुनीता शानू जी की प्रस्तुति में) लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

Khare A said...

thnx Mathur ji,

ANULATA RAJ NAIR said...

:-)

ये सलाह हर पति देता है...अपनी पॉकेट बचाने के लिए.....
पत्नियों सुनना मत.

सादर.

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सबके लिए सही सलाह... :))

Ruchi Jain said...

rochak..

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

वाह !!!!! बहुत सुंदर रोचक रचना,क्या बात है,
आपका समर्थक बन गया हूँ आप भी बने मुझे खुशी होगी....
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: तुम्हारा चेहरा,

Khare A said...

shukriya doston

निर्झर'नीर said...

wowwwwww exceelent

kya baat hai Alok ji
KAKA HATHRASI vala ras bhar diya

maja aa gaya