http://www.clocklink.com/world_clock.php

Wednesday, June 13, 2012

कुछ छानिकाएं....................

Blog parivaar 
कुछ छानिकाएं

१-
तस्वीर उनकी
बैचेनी इनकी
कयामत का ये मंजर
दिल में उतरता हुआ खंजर
इश्क में लहुलुहान होता हुआ
अंजानी राहों में भटकता हुआ
बढ़ता चला जा रहा हे दीवाना
मंजिल का कोई पता नही
दीवनगी देखते ही बनती है!

२-
कभी दिल उनका
कभी इनका भटकता है
हर कोई कही ना कही अटकता है
सिलसिला अनवरत जरी है
खुदा जाने किसकी लाचारी है
यही फेस-बुक , ट्विट्टर और
ना जान कितनी सोसिअल साइट्स
कि ये अत्याधुनिक लाइलाज बीमारी है!

7 comments:

ANULATA RAJ NAIR said...

सुन्दर क्षणिकाएं.............

अनु

सदा said...

वाह ... बहुत बढिया।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

वाह,,,, बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,बेहतरीन क्षणिकाए ,,,,

MY RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: विचार,,,,

दिगम्बर नासवा said...

सच मिएँ ये एक बिमारी है ... पर अच्छी भी तो लगती है ये बिमारी ... सुन्दर क्षणिकाएं हैं ..

प्रवीण पाण्डेय said...

सच में लाइलाज..

Khare A said...

shukriya doston!

Khare A said...

noopur ji abhaar yaha aane ka!