चेहरा रोज बदल कर, मचा रहे हैं शोर
दुनिया थू-थू कर रही, मन में इनके चोर,
मन में इनके चोर, खींचे किसकी ये टंगिया
ऐसा जोता हल , कि उजड़ गयी सारी बगिया,
उजड़ गयी सारी बगिया, बने फिर अनजान
अच्छे खासे चमन को, बना दिया शमशान.
बना दिया शमशान ,बहाए घडियाली आंसू
घर में पिटते रोज, इनको याद आये सासू,
कह बाबा "गौरव" ,न दूजा कोई उपाए
जूते मारो १०० इनको, दो उल्टा लटकाए,
दो उल्टा लटकाए, कि तबियत हरी हो जाये
जिदंगी में फिर न, कभी ये ऐसा कदम उठाएं !!
15 comments:
कह बाबा "गौरव" ,न दूजा कोई उपाए
जूते मारो १०० इनको, दो उल्टा लटकाए,
सच है ऐसे नेताओं को .. ऐसे लोंगों को जूते मारने चाहियें ...
आपकी कुण्डलियाँ लाजवाब लगीं ....
जबर्दस्त्त कुंडलियाँ हैं..
are baba kise ulta taangna hai... bahut gussa hai isme
जय हो, झनझनाता हुआ है हर शब्द।
बेहद खुबसुरत कुण्डलीयॉ है। आभार।
आलोक जी ,बेहतरीन सोंच........... बिल्कुल सही कहें है आप, जूते पढने चाहिए इन नेताओं को.
shukriya NAswa sahib
thnx shikha ji
shukriya Rashmi Di, bas poocho mat
he kisi par
thnx praveen ji
thnx ehsas
shukriya Upendra ji
आलोक जी ,
आपने कुंडलियों के बहाने उन सबकी कुंडली लिख डाली जो कुंडली मार के बैठे हैं ! बहुत खूब !
Bhai aakrosh to pura dikhaya par aakrosh ke saath kundaliyon ke niyam bhi padh liye hote to ati uttam hota kisi bachche ki vyakaran kitab lekar kundaliyon wala chapter padh liya jaye taki aainda niyam ka palan ho sake
thnx Mr.Ananomas ji
wich standard vyakaran kitab shree ji
jara hame bhi to pata chale, seekhen se hame parhej nhi
shukriya margdarshna ke liye
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