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Tuesday, July 26, 2011

एक ख़याल अपना सा......

Blog parivaarएक ख़याल अपना सा......


वक़्त के साथ दोस्ती शब्दों कि मोहताज नही होती

तू सोचता हे मुझको, इससे बढ़कर कोई सौगात नही होती

ख्यालों को शब्दों में उतार देना कुछ ऐसा ही है

कि तूने सोचा तो सही, मगर भुला भी दिया!

फिर कभी बाहार आएगी,तो समझ लेंगे हम

कोई तो था कभी, जिससे अब बात नही होती,

बस इतना सा ख़याल तुम रखना ए मेरे दोस्त

जब भी मिले तो न लगे, कि रोज बात नही होती,

जिन्दगी तो एहसासों का वो समुन्द्र हे "गौरव"

जितना भी पैठो गहरे, पर कोई थाह नही होती!

6 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत खूब, जिन्दगी को समझते समझते सब जान जाते हैं लोग।

kshama said...

बस इतना सा ख़याल तुम रखना ए मेरे दोस्त

जब भी मिले तो न लगे, कि रोज बात नही होती,
Khoobsoorat khayaal hai!

Anju (Anu) Chaudhary said...

जो समझे दोस्ती को
तो उसकी कोई थाह ही नहीं होती
शब्दों में बंधी
दोस्ती नहीं होती.....

सुनीता शानू said...

क्या बात! क्या बात!...इससे ज्यादा कोई बात नही...

G.N.SHAW said...

जींदगी में अहसास जरुर होगी !

Santosh Shrivastava said...

dil ko chhoo lene wali rachnaye hai.aapse tatha aapke followers se anurodh hai ki mere blog santoshshrivastava.blogspot.com par avashya visit kare tatha apne vichar vyakt kare..aapse tatha aapke followers se anurodh hai ki mere blog santoshshrivastava.blogspot.com par avashya visit kare tatha apne vichar vyakt kare.