वक़्त के साथ दोस्ती शब्दों कि मोहताज नही होती
तू सोचता हे मुझको, इससे बढ़कर कोई सौगात नही होती
ख्यालों को शब्दों में उतार देना कुछ ऐसा ही है
कि तूने सोचा तो सही, मगर भुला भी दिया!
फिर कभी बाहार आएगी,तो समझ लेंगे हम
कोई तो था कभी, जिससे अब बात नही होती,
बस इतना सा ख़याल तुम रखना ए मेरे दोस्त
जब भी मिले तो न लगे, कि रोज बात नही होती,
जिन्दगी तो एहसासों का वो समुन्द्र हे "गौरव"
जितना भी पैठो गहरे, पर कोई थाह नही होती!
6 comments:
बहुत खूब, जिन्दगी को समझते समझते सब जान जाते हैं लोग।
बस इतना सा ख़याल तुम रखना ए मेरे दोस्त
जब भी मिले तो न लगे, कि रोज बात नही होती,
Khoobsoorat khayaal hai!
जो समझे दोस्ती को
तो उसकी कोई थाह ही नहीं होती
शब्दों में बंधी
दोस्ती नहीं होती.....
क्या बात! क्या बात!...इससे ज्यादा कोई बात नही...
जींदगी में अहसास जरुर होगी !
dil ko chhoo lene wali rachnaye hai.aapse tatha aapke followers se anurodh hai ki mere blog santoshshrivastava.blogspot.com par avashya visit kare tatha apne vichar vyakt kare..aapse tatha aapke followers se anurodh hai ki mere blog santoshshrivastava.blogspot.com par avashya visit kare tatha apne vichar vyakt kare.
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