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Tuesday, May 15, 2012

तेरा क्या होगा रे राजा........................

Blog parivaar 
आरे ओ चिंपू, कित्ते घोटालेबाज़ अंदर किए थे अपुन
सरदार, 4 बड़े और अनगिनत छोटे
हूँ , कितने बाहर आए छूटकर अभि तक
सरदार, सारे छूट गए बस एक ही बाकी है
हूँ, कौन हे रे वो,
सरदार , राजा!
क्या कहा , राजा,. मजाक करते हो हम से
राजा तो हम हैं!
सरदार , उसका नाम राजा है!
हूँ , तो ऐसा बोलो ना
... तेरा क्या होगा रे राजा
सरकार, मेने ये घोटाला अकेले नही किया
हम सबने मिलकर किया !
हूँ,. वो हमे मालूम हैं राजा
लेकिन हमे सिर्फ़ चबन्नि में निपटा रहे थे
और बरन्नि अकेले अकेले खा रहा थे
अभी क्या पोजिसन है... सब माल बारोबरा बाँट गया नि!
जी सरकार!
ठीक है कल तू भि बाहर आ जायेगा!
लेकिन ध्यान रहे, मुँह नि खोलना
वरना फिर से अन्दर कर दूँगा!
और आगे से ध्यान रहे, हिसाब
बरोबर करने का !

6 comments:

ANULATA RAJ NAIR said...

:-)

बहुत खूब..

सदा said...

बेहतरीन ।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत खूब सुंदर रचना,..अच्छी प्रस्तुति

MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बेटी,,,,,

प्रवीण पाण्डेय said...

चलिये, सबको खुली हवा नसीब हो..

Anonymous said...

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prritiy----sneh said...

kya baat hisab barobar nai kiyela tha isliye andar kar diya bidu ko, ab barobar ho gya to bahar.

mast likha hai

shubhkamnayen